मंत्र जाप के लिए मंदिर इसलिए चुने जाते हैं, क्योंकि वहां बैठकर मंत्र का उद्घोष करने से गुंबदाकार मंदिर में शब्द टकराकर पुन: कान के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। मंत्र हमें शारीरिक व मानसिक ऊर्जा से परिपूर्ण कर देते हैं। इससे शरीर के रोम-रोम को लाभ मिलता है। रामायण व महाभारत में भी श्रीराम व अर्जुन को
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-apar-power-of-mantras-10436396.html
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