जूतों का एक व्यापारी था, जो दूसरों से जूते बनवाकर बेचता था। उसने अपने व्यवसाय का विस्तार करने का विचार किया और जूते बनाने की फैक्ट्री के लिए एक जगह का चुनाव किया, जो व्यापार की दृष्टि से अनुकूल थी। उसने दो लोगों को सर्वे करने भेजा कि इस इलाके में जूते की फैक्ट्री लगाना
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-positive-thinking-10378668.html
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