श्री शिरडी साईं संध्या मंदिर स्थित द्वारका माई सभागार से साप्ताहिक प्रवचन करते हुए श्री साईं चरणानुरागी भाई डा. कुमार दिलीप सिंह ने कहा कि कर्मफलजनित प्रारब्ध एवं प्रभु-कृपा से जो कुछ भी प्राप्त हो उतने से ही संतोष कर लेना श्रेयस्कर है। क्योंकि अत्यंत विनाशकारी है असंतोष का परिणाम।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-11703.html
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