प्रार्थना करना कुछ शब्दों को दोहराना नहीं है। प्रार्थना का अर्थ होता है-परमात्मा का मनन और उसकी अनुभूति। प्रार्थना हृदय से की जाती है। प्रार्थना तभी पवित्र होती है, जब मन राग-द्वेष से मुक्त होता है। प्रार्थना का मतलब ही होता है परम की कामना। परम की कामना के लिए क्षुद्र और तुच्छ कामनाओं का परित्याग करना पड़ता है। परम की मांग या चाह ही प्र
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-the-meaning-of-prayer-is-the-ultimate-wish-10508224.html
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-the-meaning-of-prayer-is-the-ultimate-wish-10508224.html
0 comments:
Post a Comment