जैन संत सुंदर मुनि महाराज ने कहा कि जैन मात्र धर्म या समुदाय नहीं बल्कि एक आचरण है, जिसकी पालना करने वाले लोग ही इसके सच्चे अनुयायी हैं। उन्होंने कहा कि जैन आचरणों के अनुसार ही कलियुग की त्रिवेणी को पार किया जा सकता है। वे शुक्रवार को शहर में जैन साध्वियों के लिए अलग से जैन स्थानक भवन के ला
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-jain-religion-but-merely-the-name-of-conduct-10519939.html
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