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Saturday, June 15, 2013

भय का अंत

अद्वैत वेदांत हमारे भीतर से सभी भय दूर कर देता है। स्वामी विवेकानंद का चिंतन..दुख का एक उद्गम है भय। एक मनुष्य दूसरे पर आघात क्यों करता है? इसलिए कि वह डरता है। मनुष्य को यह डर रहता है वह ज्यादा पैसा नहीं कमा सकता, इसलिए वह दूसरे पर आघात करके लूटता है।



via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-end-of-fear-10480620.html

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