दस दिन के लिए हजारों रोजेदार मुल्क के अमन-ओ-अमान के लिए घर परिवार छोड़कर मस्जिदों में इबादत करने में जुट जाएंगे। रमजान-उल-मुबारक का आखिरी अशरा (21 रमजान से ईद का चांद निकलने तक) बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस अशरा में हजारों लोग अपने मुल्क, शहर, क्षेत्र व घर परिवार की हिफाजत, अमन-ओ-अमान के लिए दुनिया की चकाचौंध जिंदगी स
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-rojedar-take-a-break-from-the-world-of-tomorrow-10604099.html
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