पुरी की रथयात्रा में मंदिर से जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रहों की तीन विशाल रथों पर सवारी निकलती है जिनको श्रद्धालुओं के हजारों हजार हाथ खींच कर वहां से तीन किमी दूर रानी गुंडिचा के मंदिर तक पहुंचाते हैं। सात दिनों तक वहां विश्राम के उपरांत महाप्रभु की सवारी श्रीमंदिर लौटती है।
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-puri-rath-yatra-10525088.html
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