महान सूफी संत शेख नजमुद्दीन कुबरा अपनी पुस्तक में बताते हैं कि रमजान के 22 फायदे मिलते हैं। इनमें से कुछ का वर्णन किया जा रहा है। रोजेदार को आध्यात्मिक प्राण मिलता है क्योंकि वह खाने के लिए कुछ नहीं खाता। अहंकार व्यक्ति को शैतान की तरफ ले जाता है लेकिन अहंकार पेट की भूख के आगे मर जाता है। इस तरह से रोजा अहंकार से मुक्ति
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-removing-ego-rosa-10579451.html
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