हमारा शरीर एक रथ की तरह है, जिसमें भगवान जगन्नाथ आत्मा के रूप में विराजमान रहते हैं। जब हमें अपने भीतर परमात्मा का भान होगा, तब हम सत्कर्र्मो के लिए प्रेरित होंगे। पुरी में श्रीजगन्नाथ रथ-यात्रा शुरू हुई है। इस अवसर पर आलेख.. ब्रहं ब्रहमास्मि का उद्घोष करने वाले अद्वैत वेदांत का म
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-jagannathpuritemple-10554293.html
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