यदि हम सुख की तरह दुख को भी स्वीकार कर लें, तो दुख का प्रभाव हम पर ज्यादा नहींपड़ता। यह सकारात्मक नजरिया अपना कर ही हम अपने दुखों से बाहर आ पाते हैं.. अपने दैनिक जीवन में हम सभी अनेक कठिनाइयों, परेशानियों और निराशाओं का सामना करते हैं। हममें से कई लोगों को यह शिक
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-vivekananda-accepted-offers-of-10615467.html
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