बाबा को अतिशय प्रिय सावन के चौथे व अंतिम सोमवार को देवाधिदेव महादेव की वीर वेष झांकी सजी। काशी विश्वनाथ का रुद्राक्ष श्रृंगार किया गया। रुद्राक्ष के दानों से ही पूरा परिसर भी सजाया गया था। रात्रि नौ बजे भोग आरती से पहले गर्भगृह में विराजमान ज्योतिर्लिग का रूप भी निखर आया। बाबा का अनुपम स्वरूप निरख श्रद्धालु निहाल हुए। शीश
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-kashi-vishwanath-rudraksh-makeup-of-rudra-10658563.html
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