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Wednesday, August 7, 2013

सोहम् सोहम्: स्वामी विवेकानंद का चिंतन..

जब हम विपत्तियों के अंधेरे से घिर जाते हैं, उस समय हमारे भीतर ही ऐसा प्रकाश होता है, जो हमें उन मुश्किलों से निकाल लाता है। स्वामी विवेकानंद का चिंतन.. कई बार मैं मृत्यु-मुख में पड़ा हूं। क्षुधातुर रहा हूं, पैर फटे हैं और थकावट आई। लगातार कई दिनों तक मुझे अन्न न्



via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-soham-soham-swami-vivekanandas-musings-10628413.html

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