समुंद्र मंथन के दौरान निकले विष को पीने से भगवान शंकर का कण्ठ नीला पड़ गया था। विष से शरीर में होने वाले जलन को कम करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान शंकर पर गंगाजल चढ़ाया। तभी से उनको जल चढ़ाने की परंपरा है। ऐसा करने से भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं। सावन महीने में भगवान शंकर का पूरे महीने शिवास होता है। इस दौरान क
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-shiva-also-are-pleased-to-present-the-only-water-in-sawan-10618147.html
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