वाह री, यशोदा की ममता। कान्हा की ममता में इतनी मग्न हुईं कि छठ पूजने की परंपरा भूल गईं। भला हो सबसे बुजुर्ग गोपी चंद्रावली की, जिसके ध्यान दिलाने पर लाला का छठ पूजन उनके जन्म लेने के 364वें दिन मां यशोदा ने किया। घरों में शिशु के जन्म लेने के छठवें दिन छठ पूजने की परंपरा है। छठ पूजन के पश्चात संबंधित घर से सोबर समाप्त
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-did-she-forget-the-feverish-yashoda-chhath-puja-10673582.html
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