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Friday, September 27, 2013

कान्हा से खेली होली, अब मैया को रोली

अपनों ने दुत्कारा तो दिल छलनी-छलनी हो गया। खून के रिश्ते पानी-पानी हुए, तो बदरंग जिंदगी लिए ये अभागन आ गई कान्हा की शरण में। सूने-धवल दामन पर भक्ति के रंग छिटके, तो जैसे जिंदगी फिर मंद-मंद उजाला झांकने लगा। हौसला मिला, तो समाज की रूढि़यां तोड़ने का जज्बा इन बेसहाराओं को मिला। क



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-widows-from-bengal-participate-in-durgapuja-ceremony-10755352.html

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