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Wednesday, September 11, 2013

जिंदगी की धड़कन और वीराने का अहसास

उमड़ती-घुमड़ती घटाओं के बीच कस्बे में फैले खंडहरों के सानिध्य में खड़े केदारनाथ मंदिर का भव्य रूप भले ही उल्लास का अहसास करा रहा हो, लेकिन वातावरण में एक वीराना सा तैर रहा है। तकरीबन तीन माह बाद बाबा केदार ऊखीमठ स्थित गद्दीस्थल ओंकारेश्वर से लौट कर मंदिर में विराजमान हुए ता



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-kedarnath-worship-began-in-the-temple-after-86-days-10716639.html

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