स्वर्ग पाता मत्र्येषु नास्ति तीर्थ गया समप्।। अर्थात गया जैसा तीर्थ स्वर्ग, पाताल और मत्स्य लोक में नहीं। गरुड़ पुराण भी स्वीकार करता है कि संपूर्ण पृथ्वी पर गया जैसा कोई तीर्थ नहीं। गया को कहीं तीर्थ श्रेष्ठ, कहीं पितृ तीर्थ तो कहीं भारतीय तीर्थो का प्राण कहा गया है.. पर क्यों? इस पर अध्ययन-अनुशीलन और विस्तृत विवेचन से स्पष्ट होता है कि
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-pitru-paksha-10744496.html
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-pitru-paksha-10744496.html
0 comments:
Post a Comment