छप्पन भोग महोत्सव से पूर्व गोवर्धन की गिरिराज तलहटी में भक्त प्रभु की भक्ति में लीन होकर आनंद रस प्राप्त कर रहे हैं। द्वापर युग की लीलाओं को जीवंत करते हुए प्रभु पर लाड़ लड़ा रहे हैं। छप्पनभोग स्थल पर विराज रहे गिरिराज प्रभु का मंदाकिनी गाय के दुग्ध के साथ गंगा, यमुना, सिंधु, कावेरी, चिनार नदी के पवित्र जल, जड़ी बूटि
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-abhishek-of-giriraj-10732411.html
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