शास्त्रीय संगीत और नृत्य से झंकृत होता माहौल। सितार और वायलिन के मंद-मंद स्वरों की गूंज। सुमधुर राग, तबले की थाप और गिटार से निकले स्वरों से दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। सूरज ढलने के साथ शुरू हुई शास्त्रीय संगीत की यह जुगलबंदी रात तक चलती रही। बिहारीपुरा स्थित ठा. श्रीराधासनेह बिहारी मंदिर मे
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-sriharidas-music-conference-10736817.html
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-sriharidas-music-conference-10736817.html
0 comments:
Post a Comment