हम सुख के पीछे भागते हैं और सुख हमसे दूर होता जाता है, क्योंकि हम अपनी आत्मा के विरुद्ध जाकर सुख खोजते हैं। सुख खोजने से नहीं, बल्कि आत्मा का स्वभाव जानने से मिलता है। दशलक्षण महापर्व (9 सितंबर से प्रारंभ) यह अवसर प्रदान करता है..
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-dslkshn-mahaparva-10706058.html
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