मृत्यु का अर्थ है परमात्मा से संबंध विच्छेद। जब तक संबंध जारी है तब तक वह जीवित है। इधर संबंध टूटा, उधर मनुष्य मरा। मरने का अर्थ ही है कि शरीर का सिस्टम सांस क्रिया या रक्त संचार को संचालित करने में असमर्थ है। जिस प्रकार पानी के नल में कई बार कचरा आ जाता है तो उसे खोलकर साफ करना पड़ता है, शरीर में भी हमारे गलत भोजन
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-death-and-god-10819390.html
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