आश्रि्वन मास की अमावश्या तिथि त्रिपाक्षिक गयाश्रद्ध का 16वां दिवस है। इस तिथि को अंतिम पिंडदान अक्षयवट वेदी पर होता है। यहां पिंडदान से पितर ब्रहमलोक को प्राप्त करते हैं। अक्षयवट वेदी पर स्थित वट वृक्ष युग-युगान्तर में भी नष्ट नहीं होता। कलियुग के अंत में महाप्रलय होने पर संपूर्ण पृथ्वी जल में डूब जाती है किन्तु वटवृक्ष पर भगवान विष्णु बालक रूप में
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-completion-of-the-memorial-altar-is-akshyvt-10773185.html
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