शरद पूर्णिमा पर शुक्रवार की रात आसमान से अमृत की बरसात होगी। दुगरेत्सव की पूरक पूजा के रूप में देवी लक्ष्मी की आराधना का विधान और दुर्गा पूजा के पंडालों में अनुष्ठान होंगे। लक्ष्मी, काली या मां सरस्वती की पूजा होगी। घरों में भी मां लक्ष्मी की झांकी सजेगी। बंगीय समाज में इसे 'लक्खी' पूजा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रीय
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-tomorrow-night-sky-rain-of-nectar-10800233.html
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