भगवती दुर्गा द्वारा मारे गए महिषासुर, शुंभ, निशुंभ, रक्तबीज, भ्रूमलोचन, चंडमुंड आदि आज भी अहंकार, काम, क्रोध, लोभ, एवं परिग्रह के रूप में हमारे भीतर स्थित हैं। इन बुराइयों का नाश ही वास्तविक शक्ति पूजन है.. देवी भागवत में शक्ति का अर्थ इस प्रकार बताया गया है- परमात्मा की व
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-durga-duknashini-10794725.html
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