दशहरे पर जब हर तरफ रावण के पुतले जलेंगे तब ब्राह्मणों के एक गोत्र लंकापति की पूजा कर रहा होगा। कृष्ण नगरी में पिछले तीन साल से यह सिलसिला चल निकला है। यही नहीं रावण के पुतले के दहन के विरोध में भी स्वर उठ रहे हैं। ब्राह्मणों के सारस्वत गोत्र को लेकर माना जाता है कि उसके लोग रावण के वंशज हैं।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-people-worship-ravan-in-city-of-krishna-10789257.html
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