गोपाष्टमी पर पूरे ब्रज में गायें पूजी गईं। हर तरफ 'फूलन की बाजू, फूलन की माला, गैया चरायवे चले नंदलाला और छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल छोटो सो मेरो मदन गोपाल.' की गूंज होती रही। गायें तरह-तरह से सजाई-संवारी गई थीं। माथुर-चतुर्वेद समाज की तरफ से रविवार प्रात: शहरी क्षेत्रों में गोचारण शोभायात्रा निकाली गई।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-gopashtmi-was-worshiped-cows-in-the-entire-braj-10854322.html
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