जहां-जहां माता सती के अंग के टुकड़े, धारण किए किए हुए वस्त्र और आभूषण गिरे, वह जगह शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गए। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाते हैं। ये तीर्थ पूरे भारतीय उप-महाद्वीप में फैले हुए हैं। इन शक्तिपीठों का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व है। नवरात्र में इन शक्तिपीठों का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। देवीपुराण में 51 शक्ति
via जागरण धार्मिक स्थान
http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-the-power-is-immense-glory-chairs-10893014.html
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