वैसे तो मनगढ़ में हजारों लोग हैं, पर लगता है जैसे कोई है ही नहीं .क्योंकि वही चला गया, जिसके लिए यहां सभी आते थे। कृपालु जी महाराज के अंतिम संस्कार के बाद आई पहली रात सत्संगियों पर बहुत भारी रही। अपनों के होते हुए भी अपने को तनहा-तनहा महसूस कर रहे थे। जगद्गुरु के लाखों अनुयायी हैं। वे उनकी जन्मभूमि से लेकर विदे
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-gurudev-bin-deserted-revolt-mngdh-10875318.html
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