जीवन की 'अमावस' में भी हम विश्वास के 'सोम' (चंद्रमा) द्वारा उजाला ला सकते हैं। यही सोमवती अमावस्या (2 दिसंबर) का संदेश है.. सोम अर्थात चंद्रमा और अमावस्या अर्थात वह तिथि, जिस दिन चंद्रमा नहीं दिखाई देता। सोमवार यानी चंद्रमा वाले दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहत
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-somvati-amavasya-moon-of-the-faith-10905017.html
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