Loading...
Tuesday, December 17, 2013

व्यवहार की शालीनता

सद्व्यवहार उस पुष्प के समान है जो धवल और दृढ़ चरित्र रूपी वृक्ष पर खिलता है। व्यवहार की शालीनता न केवल अन्य व्यक्तियों को प्रसन्न करती है, बल्कि शालीन व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को भी आनंदित करती है। प्रख्यात विचारक और मनीषी श्रीअरविंद का कहना था कि जीवन के समस्त बाहरी क्रियाकलाप व व्यवहार अंदर (अंतर्मन) से नियंत्रित और संचालित होते हैं




via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-decency-of-behavior-10941566.html

0 comments:

Post a Comment

 
TOP