शीत का मौसम कड़ाके की सर्दी, ठिठुरता शरीर, ऐसे में रजाई से निकलने का सुबह-सुबह मन ही नहीं होता। एक ओर श्रद्धा है तो दूसरी ओर सेहत की फिक्र। ऐसे में यमुना स्नान नहीं हो पाता। करीब महीने भर पहले यमुना घाटों पर भीड़ होती तो नौका बिहार करने वाले भी कम नहीं होते। अब भीड़ नहीं तो केवट बेकार। कमाई के अभाव में भू
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-yamuna-ghats-worship-crowd-stays-the-whole-year-except-winter-10966417.html
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