हमारे भीतर की उमंग ही हमें जीवनी-शक्ति प्रदान करती है, जिससे हम बड़े-बड़े काम कर जाते हैं। लोहड़ी (13 जनवरी) उत्साह और उमंग को पुनर्जीवित करने का पर्व है.. पूस (पौष) महीने की अंतिम रात यानी मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर मनाया जाने वाला यह लोक-पर्व अत्यं
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-lohri-festival-of-exaltation-11006524.html
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