ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में अपने देश के अतिरिक्त चीन, ब्राजील, जापान, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड, फ्रांस, तुर्की आदि देशों के अनेक लोग आए थे योग-जिज्ञासु बनकर, लेकिन जब अपने देश वापस गए तो वे गंगा और पर्यावरण की स्वच्छता के हिमायती बन चुके थे। यहां चल रहा योग
via जागरण संत-साधक
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