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Thursday, January 16, 2014

सूर्य के उत्तरायण पर भीष्म ने इच्छा मौत को गले लगाया था

मकर संक्रांति पर्व के महत्व और लाभ के तमाम अध्याय सूर्य के इर्द-गिर्द ठहरे हुए हैं। इस तिथि से जुड़े कुछ ऐसे अध्याय भी हैं, जिनकी चर्चा महाभारत काल से लेकर आज तक जीवंत है। महाभारत के अजेय योद्धा भीष्म पितामह आज ही के दिन मृत्यु लोक छोड़ देव शरीर में प्रवेश कर गए थे। उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान मिला था। मकर संक्रांत पर्व




via जागरण धार्मिक स्थान

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