उज्जैन। भगवान की पूजा के लिए सुबह-सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। वैसे तो दिन में कभी भी सच्चे मन से प्रभु की आराधना की जा सकती है परंतु ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-आराधना करने का विधान है। शास्त्रों के अनुसार प्रभु भक्ति के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ बताया गया है, क्योंकि सुबह हमारा मन एकाग्रचित्त रहता है। नींद से जागने के बाद हमारा मन एकदम शांत और स्थिर रहता है। इधर-उधर की व्यर्थ बातों से हमारा दिमाग बचा रहता है। भगवान की भक्ति के लिए जरूरी है कि मन एकाग्र रहे ताकि भक्ति में पूरा ध्यान लग सके। सुबह के बाद हम कई कार्य करते हैं, जिससे मन एकाग्र नहीं हो पाता है। कई बुरी और अधार्मिक बातों में भी मन उलझ जाता है। ऐसे में भक्ति में ध्यान लगाना काफी मुश्किल हो जाता है। सुबह की गई पूजा के प्रभाव से हमारे मन को इतना बल मिलता है कि दिनभर के सारे तनाव दूर रहते हैं। दिमाग तेजी से चलता है, हम एक साथ कई योजनाओं पर कार्य कर पाते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए ब्रह्म मुहूर्त का समय ही पूजन आदि कर्मों को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
via Dainik Bhaskar
http://ift.tt/1kHH98O
0 comments:
Post a Comment