मौसम साफ हुआ, सूरज की तपिश बढ़ी तो भक्तों ने लड्डूगोपाल के रहन-सहन और खान पान में बदलाव कर दिया। गर्म और ऊनी वस्त्रों की जगह सादा और आकर्षक पोशाक पहनाने शुरू कर दिए हैं। फूलों से लंबे समय से दूर रहे ठाकुरजी को अब परहेज नहीं रहा गुलाब और गेंदा के फूलों से। पूजा-अर्चना में अब फूलों का प्रयोग भी शुरू हो
via जागरण धर्म समाचार
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