सूर्यनारायण की पत्नी स्वर्णा (छाया) की कठोर तपस्या से ज्येष्ठ मास की अमावस्या को सौराष्ट्र के शिंगणापुर में सूर्यपुत्र शनि का जन्म हुआ। छाया ने शवि की कठोर तपस्या की थी, जिसके चलते तेज गर्मी और धूप के कारण उनके गर्भ में शनि का वर्ण काला हो गया।
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