पर्यावरण असंतुलन के खतरों के मद्देनजर जब पेड़ों की कटान विश्वव्यापी चिंता हो, होलिका के नाम पर हजारों टन वन संपदा की आहुति का औचित्य इस समय पूरे नगर में विमर्श का विषय है। ऐसे में पवरेत्सवों की नगरी काशी में कचौड़ी गली की उस 'होलिका' का नजीर बन जाना स्वाभाविक है जो अपनी सादगी और शुद्धता के चलते ध्यान खींचती हैं।
via जागरण धर्म समाचार
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