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Friday, March 28, 2014

अध्यात्म है हमारी संस्कृति का आधार

कहा गया है कि दूसरों का भोजन छीनना विकृति, अपने भोजन के लिए प्रयास करना प्रकृति और अपना भोजन बांटकर खाना संस्कृति है। मनुष्य वास्तव में दोपाया जानवर ही रहता, अगर हमारी संस्कृति ने उसे देवत्व के आदर्श की ओर चलना न सिखाया होता। वास्तव में संस्कार से जन्मी भावनाएं ही मिलकर




via जागरण संत-साधक

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