भोजूबीर-पंचकोशी मार्ग पर अति प्राचीन मां दक्षिकेश्वर काली का दरबार। दक्षिणाभिमुखी प्रतिमा और मान्यता इनके दर्शन से श्रद्धालु कलियुग की भव बाधाओं से पार पा जाता है। तीन नेत्रों से युक्त और मुण्डमाला धारिणी। माना जाता है कि क्षत्रपति शिवाजी महाराज ने 1666 में काशी प्रवास के समय अपनी कुलदेवी के विग्रह की स्थापना की थी। 'काि
via जागरण धार्मिक स्थान
http://ift.tt/1jXiLRy
0 comments:
Post a Comment