यमुना किनारे बने पौराणिक महत्व के घाटों की कद्र करने की जहमत न तो पर्यटन विभाग उठा पा रहा और न पुरातत्व विभाग। स्थिति ऐसी कि दर्जनों घाट अपने अस्तित्व को ही खो चुके हैं। ऐसी ही स्थिति है वर्धमान घाट की। अब इसके प्रतीक चिन्ह भी मौके पर नहीं दिखाई देते। बदले समय में इन घाटों के आसपास आवास, आश्रम और गेस्टहाउस बन
via जागरण धर्म समाचार
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