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Saturday, May 31, 2014

मां राघेन्या को लंका से लाकर कश्मीर में स्थापित किया था हनुमान ने

वर्षो से मातृभूमि से बिछुड़ने की पीड़ा को मन में समेटे हुए कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए मां क्षीरभवानी मेला एक ऐसा अवसर प्रदान करता है, जहां वह अपनी स्मृतियों को तरोताजा कर सकते हैं। आपसी भाईचारे का प्रतीक कश्मीरियत को साझा करने का अवसर भी यह मेला प्रदान करता है। छह जून को श्रीनगर के तुलमुला स्थित क्षीरभवानी मंदिर में




via जागरण धर्म समाचार

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