आदिदेव शिव कला के भी देवता हैं। तंडु ऋषि को तांडव की शिक्षा देनी हो या ओंकार से संगीत के सात स्वरों की सृष्टि, महादेव सबमें सक्षम हैं। ब्रहमवैवर्त पुराण के अनुसार, राजा केदार की तपस्थली होने के कारण इस तीर्थ का नाम केदारनाथ पड़ा। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद स्थित इस मंदिर क
via जागरण धार्मिक स्थान
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