इस चार दिनी केदारधाम यात्र के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि यात्रियों की बाबा के प्रति आस्था ही केदारघाटी को नवजीवन दे सकती है। अन्यथा सरकार तो जिस राह पर है, वह यात्र के मायने ही बदल देगी। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि सरकार का उतना ध्यान पैदल यात्रा पर क्यों नहीं है, जितना कि उड़नखटोले से यात्रियों को केदारनाथ पहुंचाने प
via जागरण धर्म समाचार
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