अपने परिवार में पंचशील का समावेश कीजिए। ये पंचशील पंचरत्नों के बराबर हैं। इनमें पहला श्रमशीलता या मेहनतकश होना है। परिवार के हर सदस्य को परिश्रमशील होना चाहिए। पंचशील में दूसरी बात सुव्यवस्था से संबंधित है। इससे सफाई भी आती है, सुसज्जा भी आती है। हर चीज को यथास्थान रखा जाए। अस्त-व्यस्त, यहां-वहां पड़ी हुई चीजें गंदगी फैलाती हैं।
via जागरण धर्म समाचार
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