गिरिराज प्रभु की दिव्यता पर नत मस्तक भक्ति ने गोवर्धन की धरा को अलौकिक बना रखा है। सतरंगी रोशनी में नहाई पर्वतराज की धरा राधे-राधे से गुंजायमान है। सप्तकोसीय परिक्रमा मार्ग भक्तों के जयकारों और भजनों से झंकृत हो रहा है। पांच दिवसीय मुड़िया पूर्णिमा मेला रफ्ता-रफ्ता शबाब पर पहुंच रहा है। जोश और उल्लास में डूबे भक्त
via जागरण धर्म समाचार
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