श्रीधाम में इस मौसम में 'लड्डूगोपाल' को ठंडे वातावरण में रखने की परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है। बालभाव में पूजे जाने वाले 'ठाकुरजी' को आधुनिक युग में देसी-विदेशी फूलों के बीच बैठाकर गर्मी के मौसम में शीतलता का एहसास कराया जाता है। यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है।
via जागरण धर्म समाचार
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