सिखों के आठवें गुरु थे श्री हरि किशन जी। उन्हें बालगुरु कहा गया, क्योंकि सातवें गुरु और पिता श्री हरि राय जी ने ज्योति-जोत समाते समय मात्र पांच वर्ष की आयु में हरि किशन जी को गुरुगद्दी की जिम्मेदारी सौंप दी थी। छोटी सी उम्र में ही गुरु जी के अंदर गरीबों, लाचारों और बीमारों के प्रति अपार संवेदना थी। दिल्ली में जब चेचक की जानलेवा म
via जागरण संत-साधक
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