सहनशीलता को धृति या धैर्य कहा जाता है। विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो जाने पर भी मन में चिंता, शोक और उदासी उत्पन न होने देने का गुण धैर्य है। धैर्य मनुष्य के व्यक्तित्व को ऊंचा उठाने का एक उत्तम गुण है। धैर्यवान व्यक्ति विपत्ति आने पर भी अपना मानसिक संतुलन बनाए रखता है और शांतचित्त होकर इस पर नियंत्रण करते हुए दुख से बचने का सरल मार्ग
via जागरण धर्म समाचार
http://ift.tt/1xLwIVN
0 comments:
Post a Comment